Showing posts with label नया. Show all posts
Showing posts with label नया. Show all posts

Wednesday, April 24, 2013

बाजार.. !!! (by युगदीप शर्मा)


मैं..
निकाल कर रख देता हूँ
सब कुछ ...
अपना ....पराया...
जो कुछ भी है...नहीं है...
मेरे हिस्से के
सपने..
अरमान..महत्वाकांक्षाएं ....
मजबूरियां..
बेबसी...लाचारियाँ..
निकाल देता हूँ सब कुछ .
भूख...प्यास...
गुस्सा ..अपमान ...
इर्ष्या..घृणा
सजा देता हूँ शोकेस में...
किसी मझे हुए सेल्समैन की तरह...
रख देता हूँ सब कुछ...
बाजार में ..

और अंत में...वो  पूछते हैं ..."नया क्या है??"

शायद मैंने  अपने शैतान को नहीं निकाला अब तक...!!!
*************
युगदीप शर्मा (२४ अप्रैल-२०१३)