एक क्षणिका ग्रुप के 'नाम' के नाम:
जिंदगी हर सुबह
पटरी पे ही मिलती है
लोटा ले बैठी हुई
ट्रेन की हर सीटी के साथ
छुप जाती है पास की झाड़ियों में
और हर गुजरती ट्रेन के बाद,
फिर निकल पटरी पे आ बैठती है।
रचियता: स्वयं हम
*******
Ghar ke whatsapp group "Patri par jindagi" ke liye . ye naam Vasundhara mami ji ne diya tha.
Date 10th March 2016
जिंदगी हर सुबह
पटरी पे ही मिलती है
लोटा ले बैठी हुई
ट्रेन की हर सीटी के साथ
छुप जाती है पास की झाड़ियों में
और हर गुजरती ट्रेन के बाद,
फिर निकल पटरी पे आ बैठती है।
रचियता: स्वयं हम
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Ghar ke whatsapp group "Patri par jindagi" ke liye . ye naam Vasundhara mami ji ne diya tha.
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