Wednesday, August 3, 2022

दिमागी खुजलियाँ

आज इसने यह कहा 

कल था उसने वह कहा 

यह कब कहा 

यह क्यों कहा


यह कहा 

वह क्यों नहीं 

जब वह कहा 

तब क्यों कहा 


मैंने कहा 

तूने कहा 

क्या क्या कहा 

कब कब कहा 


क्यों क्यों कहा 

कैसे कहा 

ऐसे कहा 

वैसे कहा 


इस पर तो 

इतना कहा 

उस पर जैसे-

तैसे कहा 


कैसे कहा 

क्यूँकर कहा 


बोला तो 

क्या क्या कहा 

जब चुप रहा 

तो क्यों रहा 


चुप क्यों रहा 

बोला कहाँ ?

बोला जहाँ 

तौला कहाँ ?


उसको ऐसे बोलना था 

इसको ऐसे बोलना था 

हमको ऐसे बोलना था 

सबको ऐसे बोलना था 


उसने जब ऐसे कहा तो 

मैंने उत्तर यूँ दिया 

मैंने जब वैसे कहा 

तो तूने उत्तर क्यों  दिया ?


फेसबुक 

कुश्ती का दंगल, 

व्हाट्सएप्प पर 

है अखाड़ा 

टीवी-योद्धा 

पिल पड़े हैं  

मुंह जुबानी युद्ध है  


बातों के तलवार भाले 

बातों में ही बिजलियाँ हैं 

करना -धरना कुछ नहीं बस 

सब 'दिमागी खुजलियाँ ' हैं 


3 aug 2022, Thursday afternoon 12 pm, in office